Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -06-Jul-2022... सपनों की उड़ान..भाग 8

भाग (8) 

आजा बेटा यहाँ बैठ धीरे बेटा धीरे.... ले फटाफट पहले ये दूध पी ले.... फिर मैं हल्दी का लेप लगा देतीं हूँ...। शाम तक बिल्कुल ठीक हो जाएगा..। सुन बेटा तु थोड़ी देर यही बैठ कर आराम कर मैं तेरे बाबा को टिफिन दे आतीं हूँ..... ठीक हैं...। 


ठीक हैं आई.... तु जा मैं तो वैसे भी अभी कहीं जा ही नहीं सकता...। 


मैं आतीं हूँ थोड़ी देर में.... फिर आकर लेप लगा देतीं हूँ...। 


ऐसा कहकर विमला तेज कदमों से फैक्ट्री में चल दी....। 



उसके जातें ही बिरजू और उसके दोस्त हंसी ठिठोली करने लगे....। 

यार बिरजू तेरा भी कमाल हैं..... एक्टिंग जबरदस्त कर लेता हैं तु... साले तु फिल्मों में क्यूँ नहीं चला जाता.... एक्शन तो करता ही हैं.... एक्टिंग भी लाजवाब हैं तेरी.... मेरी माने तो तुझे एक बार ट्राय तो करना चाहिए....। यहाँ बस्ती में तेरे टैलेंट को कोई नहीं समझेगा....। पता हैं  यार वहाँ तो एक एक सीन के लाखों रुपए मिलते हैं... । सोच जब तु इस टीवी पर आएगा तो तेरी आई कितनी खुश होगी...। 


क्या यार..... फिल्मों में जाना कोई इतना आसान काम हैं क्या...। साले लाखों रुपए पहले खर्च करने पड़ते हैं...। ऐसे ही नहीं कोई हिरो बन जाता.... तु भी ना.... फालतू की बात करता रहता हैं...। 


बिरजू महाराज तु कौनसी दूनिया मे जी रहा हैं यार.....अरे वो जमाना ओर था जब लाखों रुपए लगते थे.... आज तो चंद मिनटों में रुपया कमाया जाता हैं.... फैमस हुआ जाता हैं...। 


अच्छा.... अब वो कैसे.... वो भी बता दे...। 


बात कुछ आगे होती इससे पहले ही विमला वहाँ आ गई....। विमला को आता देख बिरजू के दोनों दोस्त वहाँ से बाद में बात करने का कहकर वहाँ से चले गए...। 

अब कैसा महसुस हो रहा हैं बेटा..! 

ठीक हैं आई... तु खामख्वाह चिंता कर रहीं हैं...। अरे ऐसी छोटी मोटी चोट तो लगतीं रहतीं हैं...। 

लेप लगा दूं तुझे..? 

नहीं... नहीं... आई उसकी कोई जरूरत नहीं... मैं थोड़ी देर आराम कर लूंगा तो ठीक हो जाऊंगा..। 

ठीक हैं बेटा.. मैं अभी काम पर जा रहीं हूँ.... तु आराम कर ले... मैं बाहर से ताला लगाकर जाती हूँ ताकि कोई तुझे परेशान ना करे.. और सुन तेरा खाना भी यहीं टेबल पर रखकर जाती हूँ.... खा लेना...। 


ठीक हैं आई.... खा लूंगा...। 


विमला खाना रखकर और बाहर से ताला लगाकर काम पर चल गई....। 


विमला के जाने के कुछ देर बाद ही बिरजू ने अपने दोस्त हरिया को फोन किया....। 

बिरजू के पास एक बहुत पुराना बटन वाला फोन था...। जिसका इस्तेमाल वो ना के बराबर ही करता था.... क्योंकि दोस्तों के बीच उसे वो फोन इस्तेमाल करने में शर्म महसूस होतीं थीं...। क्योंकि  चाल के लगभग हर लड़के के पास स्मार्ट फोन था...। बिरजू अपना फोन घर पर ही रखता था...। फोन करने पर कुछ देर बाद ही उसी चाल में रहने वाले उसका दोस्त हरिया आ गया....। 
बिरजू ने घर के ताले की दूसरी चाबी उसको खिड़की से दी और हरिया ताला खोलकर भीतर आ गया...। 


कुछ देर ऐसे ही बात करते करते बिरजू ने पूछा :- अब बोल यार... तु क्या बोल रहा था...। 

हरिया :- वो मैं तुझे कल अपनी लोकेशन पर बताऊंगा... अच्छा अभी मैं जा रहा हूँ... मुझे बाबा ने बुलाया हैं फैक्ट्री में....। 


अरे खाना तो खाकर जा...! 

नहीं यार.... मैं चलता हूँ अभी... शाम को तो तु आ नहीं पाएगा... अभी ये टांग टूटने की एक्टिंग जो कर रहा हैं... तो फिर कल मिलते हैं... अपने ठिकाने पर...। 

ठीक हैं....। 

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14 Comments

Seema Priyadarshini sahay

08-Sep-2022 06:14 PM

बेहतरीन रचना

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Abeer

08-Sep-2022 03:50 PM

Bahut khub likha

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दशला माथुर

08-Sep-2022 03:12 PM

Shandar rachana 👌

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